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*पुतिन यूक्रेन युद्ध के साल पूरा होने पर देशवासियों को संबोधित कर रहे*

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रिपोर्ट – डॉ. जैनुल आबेदीन*

मॉस्को के गोस्टिनी डावर हॉल में हो रहे उनके संबोधन को सुनने के लिए कई मंत्री और अधिकारी मौजूद हैं. इस अवसर पर रूसी संसद के कई सदस्य भी मौजूद हैं.

व्लादिमीर पुतिन ने अपना संबोधन जैसे ही शुरू किया वैसे ही लोग उनके सम्मान में खड़े हो गए.

क्या कहा पुतिन ने-

यह वक़्त उनके देश के लिए जटिल और चुनौतीपूर्ण है. और इस दौरान यह दुनिया तेज़ी से बदल रही है.

ऐतिहासिक घटनाएं उनके देश का भविष्य तय करेंगी और हम सभी बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी से बंधे हैं.

यूक्रेन पर रूस का हमला ‘स्पेशल ऑपरेशन’ है. रूस लगातार नाज़ी ख़तरों से जूझ रहा था.

यूक्रेन की सरकार भी रूस के प्रति घृणा और ख़तरे को लगातार बढ़ावा दे रही थी.

यूक्रेन के लोग इंतज़ार कर रहे थे कि रूस आए और उसकी मदद करे.

रूस ने डोनबास क्षेत्र में चल रहे संघर्ष का शांतिपूर्ण हल निकालने की कोशिश की.

शांति बहाल करने के लिए पश्चिमी देशों का कमिटमेंट कुछ और नहीं बल्कि ‘धोखा’ और ‘बहुत बड़ा झूठ’ है.

यूक्रेन जैविक और परमाणु हथियार इकट्ठा करने की कोशिश कर रहा था. हम इस समस्या का शांतिपूर्ण हल निकालने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.

इस मुश्किल संघर्ष को ख़त्म करने के लिए हम शांतिपूर्ण तरीक़ा खोज रहे हैं, लेकिन हमारे पीठ पीछे बहुत अलग माहौल बना दिया गया है.

यूक्रेन और डोनबास का इलाका पूरे झूठ का प्रतीक बन चुका है.

पश्चिमी देश और यूक्रेन इस अभियान के लिए ज़िम्मेदार हैं.

वे चाहते हैं कि पूर्व की ओर सीधा आक्रमण करके प्रतिस्पर्द्धा ख़त्म कर दी जाए.

पश्चिमी देश चाहते हैं कि स्थानीय संघर्ष को वैश्विक संघर्ष में बदल दिया जाए.

पश्चिमी देश मूलभूत समझौते से पीछे हट गए और उन्होंने पाखंडपूर्ण बयान दिया.

वे नेटो गठबंधन का विस्तार करने में लगे रहे.

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