नमक से जान गवां सकते है 70 लाख लोग, WHO ने सफेद जहर बताया, कितना नमक खाना है सेफ?
रिपोर्ट- मुस्तफा अली खान डिस्ट्रिक्ट हेड बहराइच
नमक को लेकर WHO यानी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की एक रिपोर्ट आई है जिसमें बताया गया है कि नमक ज्यादा खाना कई बीमारियों की वजह है. WHO का लक्ष्य 2030 तक लोगों के खाने से 30 प्रतिशत नमक कम करने का है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगर समय रहते जरूरी कदम नहीं उठाया तो आने वाले 7 सालों में लगभग 70 लाख लोग नमक से होने वाली बीमारियों से अपनी जान गंवा बैठेंगे. हर साल 14 से 20 मार्च तक वर्ल्ड सॉल्ट अवेयरनेस वीक मनाया जाता है. नमक के बारे में बात करने का ये सही मौका है.
नमक में सोडियम और पोटैशियम दोनों होता है. सोडियम इंसान के शरीर में पानी का सही लेवल बनाने से लेकर ऑक्सीजन और दूसरे पोषक तत्व सभी ऑगर्न तक पहुंचाने में मदद करता है. इसकी वजह से हमारी वैस्कुलर हेल्थ, नर्व यानी तंत्रिका में एनर्जी आती है.
कम नमक खाने से भी कई प्रॉब्लम होती हैं. जैसे- लो ब्लडप्रेशर के पेशेंट बन सकते हैं. टाइप 2 डायबिटीज के शिकार हो सकते हैं. कमजोरी और उल्टी की प्रॉब्लम हो सकती है. ब्रेन और हार्ट में सूजन आ सकती है. सूजन की वजह से सिरदर्द, कोमा और सीजर्स के अटैक भी आ सकते हैं. बॉडी के जिस ऑगर्न को जितना खून चाहिए, उस तक उतना नहीं पहुंच पाता.
एलडीएल (बैड) कोलेस्ट्रॉल 4.6% बढ़ जाता है. इसलिए शरीर में नमक का सही बैलेंस होना बहुत जरूरी है.
ज्यादे सेवन से बालों का झड़ना शुरू हो जाता है. किडनी में सूजन आ जाती है. शरीर में वाटर रिटेंशन बढ़ जाता है. जो शरीर में पानी को जमा करके रखता है. हड्डियां कमजोर होती हैं और उन्हें ऑस्टियोपोरोसिस की प्रॉब्लम हो सकती है. हार्ट डिजीज, लकवा, हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक जैसी कई बीमारियां हो जाती है. प्यास ज्यादा लगती है. कई बार होटल का खाना खाने से ज्यादा प्यास लगती है, यानी उसमें नमक हाई वैल्यूम में पड़ा होता है.
WHO के अनुसार, दुनियाभर में ज्यादातर लोग रोजाना 10.8 ग्राम नमक खा रहे हैं. जो उनके शरीर की जरूरत से कई गुना ज्यादा है. हर रोज 5 ग्राम यानी सिर्फ एक टी स्पून नमक खाना चाहिए, और भी आसान तरीके से समझना है तो ये बात याद रखें कि आपके हर खाने में एक छोटा चम्मच नमक ही होना चाहिए. ये भी याद रखें कि एक दिन में आपको 2.3 ग्राम ही सोडियम लेना चाहिए, जो कि आपको 5 ग्राम नमक में मिल जाता है. अलग-अलग हेल्थ इश्यू वाले पेशेंट्स जैसे किडनी, डायबिटीज, हार्ट पेशेंट के लिए इसकी मात्रा और भी कम हो सकती है. इसलिए अपनी बीमारी के हिसाब से डॉक्टर की सलाह पर नमक खाएं.
WHO ने प्लान बनाया है कि लोगों को इस बारे में पहले से ज्यादा जागरूक किया जाएगा. ज्यादा नमक खाने की आदतें बदलने में मदद के लिए कैंपेन और अवेयरनेस प्रोग्राम सभी देशों को चलाना होगा. पैक्ड फूड में नमक कम करने के साथ क्वांटिटी के बारे में बताना जरूरी होगा जिसे खरीदने वाला आसानी से पढ़ और समझ सके कि वो कितना नमक खा रहा है. खाने में नमक या सोडियम की क्वांटिटी को कम करने के लिए व्यक्तिगत और राज्य स्तर पर भी लक्ष्य तय करने होंगे. इससे नमक कम खाना है ये हमेशा याद रखने में मदद मिलेगी और लोग अपनी आदत बना लेंगे. पब्लिक इंस्टीट्यूशन जैसे स्कूलों, हॉस्पिटल और ऑफिस में कम सोडियम वाले आइटम को प्रोवाइड कराना चाहिए.
जिन्हें तेज नमक या ऊपर से नमक डालकर खाने की आदत है वो वह यह समझे कि कोशिश करने पर बहुत जल्द इस आदत में सुधार किया जा सकता है. इसपर सुधार पाना जरूरी है क्योंकि इसकी वजह से हार्ट और किडनी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. सर्कुलेटरी सिस्टम (संचार प्रणाली) और नर्वस सिस्टम (तंत्रिका तंत्र) को भी नुकसान पहुंच सकता है. ऊपर से नमक छिड़ककर खाने की लत लग जाती है. जैसे कोई नशा हो. कुछ समय बाद आप ऊपर से नमक डाले बगैर खाना नहीं खा पाते हैं।